खबर काम की
ऋषिकेश (रिपोर्टर)। शहर में हुई झमाझम बारिश ने मानसून की दस्तक दे दी है। एक घंटे तक बरसे बादलों ने नगर निगम ऋषिकेश के सभी दावों की पोल खोलकर रख दी। शहर में सड़कें, बाजार और गलियां पानी से लबालब भर गए। यहां तक कि चन्द्रेश्वर नगर व त्रिवेणी कॉलोनी में लोगों के घरों में पानी अंदर तक घुस गया। वहीं बारिश से शहर जलमग्न नजर आया। हालांकि लोगों को गर्मी से राहत मिल गई। लंबे इंतजार के बाद बुधवार को पहली बार तेज बारिश हुई। इससे पहले हल्की बारिश व बूंदाबांदी हुई थी। अच्छी बारिश के साथ जहां मानसून की दस्तक दे दी है। सुबह के समय धूप निकली थी। इसके बाद हल्के बादल छाये रहे। दोपहर 12 बजे आसमान में काले बादल छा गए और बादलों ने बरसना शुरू कर दिया। एक घंटे की बारिश से शहर जलमग्न हो गया। सड़कों से लेकर बाजार व मोहल्लों में पानी भर गया। पहली बारिश में ही नगर निगम के नालों की सफाई के दावे की पोल खुल गई। बारिश थमने के बाद शहर में भरा पानी उतरना शुरू हुआ, जिसके बाद लोगों को थोड़ी राहत मिली।
क्या कहते है शहरवासी
समाजसेवी संजय भारद्वाज, संतोष तिवारी, सुनील गोस्वामी, आशु चौधरी का कहना है कि हर बार मानसून सीजन में महोल्ले का यही हाल हो जाता है हम अपनी परेशानी लेकर कई बार नगर निगम के अधिकारियों के पास जा चुके है लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई। जल्द ही समस्या का ठोस समाधान नहीं हुआ तो धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।
इंसेट
जलजमावः एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे अधिकारी शहरवासी जहां शहर में जलजमाव से परेशान है वहीं नगर निगम के आयुक्त शैलेन्द्र सिंह नेगी ने जलभराव पर जल संस्थान गंगा विंग को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं गंगा विंग के अधिशासी अभियंता हरीश चन्द्र बंसल का कहना है कि नालियों से दूषित पानी ओवरफलो हो रहा है। विभाग का काम सीवर लाइन चॉक होने पर उसे खोलना है। ऐसे में नगर निगम का यह कहना गलत है कि शहर में सभी जगह सीवर लाइन ओवरफलो हो रहे है।