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देहरादून (सीनियर रिपोर्टर)। उत्तराखण्ड में निर्बल आय वर्ग के परिवारों के लिए करीब 16 हजार किफायती घरों का निर्माण किया जा रहा है। जिन्हें उत्तराखण्ड आवास विकास परिषद और एमडीडीए तैयार करेंगे। परियोजना को मार्च 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंत्योदय के लक्ष्य को केंद्रित करते हुए, पीएम आवास योजना लागू की है। इसके तहत आवासहीन परिवारों को पक्का घर बनाकर दिया जा रहा है। उत्तराखण्ड में आवास विकास प्राधिकरण ने इस लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उत्तराखण्ड आवास विकास परिषद 15 परियोजनाएं निजी निवेशकों के साथ तैयार कर रहा है, जिसमें कुल 12,856 आवास शामिल हैं। जबकि शेष पांच संबंधित विकास प्राधिकरणों द्वारा विकसित की जा रही हैं। प्राधिकरणों के जरिए कुल 3104 आवास तैयार किया जा रहे हैं।
अपर आयुक्त आवास पीसी दुम्का ने बताया कि अब तक निजी भागीदारी के साथ 1760 घर लाभार्थियों को सौंपे जा चुके हैं, जबकि 14635 का आवंटन भी किया जा चुका है। शेष सभी परियोजनाओं को मार्च 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
योजना के तहत निजी निवेशक ₹6 लाख की लागत से दो कमरे, किचन और शौचालय जैसी सुविधाओं से युक्त घर तैयार करता है, जिसमें से उन्हें केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं से ₹3.5 लाख मिलते हैं। इस तरह लाभार्थी को महज ₹2.5 लाख की लागत में आसान होम लोन के जरिए घर मिल जाता है। इसमें जमीन सहित निर्माण का खर्च निजी निवेशक द्वारा उठाया जाता है।
इस योजना में ₹3 लाख से कम सालाना आय वर्ग वाले आवासहीन परिवार पात्र होते हैं। पात्र परिवार का 15 जून 2015 से पहले उत्तराखण्ड का निवासी होना जरूरी है। योजना के तहत मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ट्रांसपोर्ट नगर में 224 , तरला आमवाला में 240 फ्लैट वाली परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, जबकि धौलास में 240 फ्लैट मार्च 2025 तक तैयार हो जाएंगे।
एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने बताया कि परियोजना के लिए लाभार्थियों का चयन पारदर्शिता के साथ किया गया है। तय समय में सभी को उनके फ्लैट सौंप दिए जाएंगे।