मुख्यमंत्री के निर्देशन पर राज्य स्थापना रजत जयंती वर्ष पर महिला पुलिस कार्मिकों के साथ ओपन हाउस सेशन आयोजित

 

सब इंस्पेक्टर से आई.जी. तक महिला पुलिस कार्मिकों के साथ डीजीपी का सीधा संवाद

पेशवर दक्षता बढ़ाने के साथ ही दी जाए महत्वपूर्ण जिम्मेदारी

महिला कार्मिकों की कार्य क्षमता को पहचानते हुए किया जाए प्रोत्साहित

खबर काम की
देहरादून (सीनियर रिपोर्टर)। दीपक सेठ, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड महोदय की अध्यक्षता में महिला उप निरीक्षक से लेकर पुलिस महानिरीक्षक स्तर की महिला अधिकारियों से उनके अनुभव, समस्याओं और सुझावों पर सरदार पटेल भवन, देहरादून स्थित सभागार में एक ओपन डायलॉग सेशन आयोजित किया गया। विगत 25 वर्षों में पहली बार महिला कार्मिकों के साथ ऐसी खुली परिचर्चा आयोजित की गयी।

पुलिस महानिदेशक द्वारा उपस्थित महिला अधिकारियों एवं कार्मिकों के साथ विभिन्न विषयों पर संवाद एवं गहन परिचर्चा की गई, जिसमें उनके द्वारा उत्साह के साथ अपने अनुभव साझा करते हुए ड्यूटी के दौरान आने वाली चुनौतियों, व्यवहारिक कठिनाइयों तथा प्रमुख मुद्दों से अवगत कराया गया एवं अपने सुझाव प्रस्तुत किए गए।

यह सेशन पुलिस मुख्यालय सहित जनपद देहरादून के समस्त महिला उप निरीक्षक, पुलिस उपाधीक्षक, अपर पुलिस अधीक्षक से लेकर पुलिस महानिरीक्षक स्तर की महिला अधिकारियों के लिए एक खुला संवाद मंच प्रदान करने पर केन्द्रित रहा।

इस अवसर पर हाल ही में तमिलनाडु पुलिस अकादमी, चेन्नई में आयोजित हुए 11वें राष्ट्रीय महिला पुलिस सम्मेलन (NCWP) में प्रतिभाग करके लौटी उत्तराखंड पुलिस की 06 सदस्यीय महिला टीम द्वारा भी कार्य और व्यक्तिगत जीवन में संतुलन, मानसिक स्वास्थ्य एवं तनाव प्रबंधन, कार्यस्थल की कार्यसंस्कृति तथा करियर विकास एवं अवसर जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर अपने अनुभव साझा किये गये।

सेशन के दौरान निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर परिचर्चा करते हुए निर्देश निर्गत किये गये।

▪️ महिला अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान करते हुए योग्यतानुसार उत्तरदायित्वपूर्ण पदों पर अवसर दिया जाये, जिससे उनके आत्मविश्वास को बढ़ावा मिल सके।

▪️ महिला कार्मिकों का साइबर सेल, एसटीएफ, एसओजी, नारकोटिक्स सेल एवं अन्य महत्वपूर्ण इकाईयों में भी रोल बढ़ाया जाए।

▪️ महिला अधिकारियों एवं कार्मिकों द्वारा कार्यस्थल की व्यस्तता, पारिवारिक जिम्मेदारियों और सामाजिक अपेक्षाओं के बीच संतुलन स्थापित करने हेतु लचीली कार्य-नीति, सहयोगी माहौल और समर्थनात्मक तंत्र की आवश्यकता पर बल दिया गया।

▪️ शारीरिक और मानसिक रूप से फिट रहने हेतु निरंतर हेल्थ चेकअप, फिटनेस, शारीरिक प्रशिक्षण, योगाभ्यास, मेडिटेशन, खेल-कूद को बढ़ावा दिया जाये।

▪️ प्रशिक्षण में नवीन तकनीकों की जानकारी प्रदान करने के साथ ही चुनौतीपूर्ण टास्क में महिला कार्मिकों की सहभागिता तय की जाए।

▪️ परिचर्चा के दौरान लैंगिक संवेदनशीलता, सम्मानजनक संवाद और महिला अनुकूल कार्य-नीति जैसे पहलुओं पर विशेष बल दिया गया, जिससे एक सकारात्मक और समावेशी वातावरण सुनिश्चित किया जा सके।

▪️ आंतरिक शिकायत एवं सुझाव समिति का पुनर्गठन करते हुए उसे पुनः सक्रिय किया जाए, जिससे महिलाओं की समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जा सके।

▪️ कार्यस्थलों पर छोटे बच्चों हेतु CRECHE सेन्टरों की संख्या बढ़ायी जाए, जिससे महिलाएं कार्य स्थलों पर भी परिवारिक जिम्मेदारों का निर्वहन कर सकें।

सम्मेलन में उपस्थित महिला कर्मियों द्वारा उत्साह के साथ प्रतिभाग करते हुए अपने विचारों को खुले मंच पर साझा किया गया। पुलिस महानिदेशक ने कहा कि, आपका कार्य और आचरण इस तरह से हो, जिस पर आपका परिवार और पूरा समाज गर्व करे तथा आप समाज के लिए अनुकरणीय उदाहरण बनें। साथ ही उन्होंने आज की परिचर्चा को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया तथा महिला कार्मिकों को प्रोत्साहित करते हुए प्रस्तुत समस्याओं के समाधान हेतु आश्वस्त किया।

उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में प्राप्त अनुभवों, विचारों तथा अनुशंसाओं को राज्य की पुलिस प्रणाली में समुचित रूप से एकीकृत किया जाएगा, जिससे महिला अधिकारियों की भूमिका और अधिक प्रभावशाली, सशक्त एवं नेतृत्व प्रधान बन सके।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *