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हरिद्वार (सीनियर रिपोर्टर)। उत्तराखंड के संस्कृत विद्यालयों के शिक्षक व कर्मचारियों की एक बैठक प्रेमनगर आश्रम में आयोजित हुई। जिसमें प्रदेशभर से आए शिक्षकों ने समस्याओं के समाधान के लिए प्रदेश स्तरीय संगठन बनाने का निर्णय लिया।
बैठक में शिक्षकों और कर्मचारियों ने माध्यमिक संस्कृत शिक्षक व कर्मचारी संगठन उत्तराखंड प्रदेश के नाम से संगठन का नामकरण किया। जिसके बाद सर्व सम्मति से अनसूया प्रसाद सुंद्रियाल प्रधानाचार्य संस्कृत उत्तर मध्यमा विद्यालय भुवनेश्वरी सिद्धपीठ पौड़ी को प्रदेश अध्यक्ष चुना गया।
वहीं, डॉ जनार्दन प्रसाद कैरवान प्रभारी प्रधानाचार्य मुनिश्वर वेदवेदांग संस्कृत विद्यालय ऋषिकेश को प्रदेश महामंत्री, डॉ नवीन चन्द्र पन्त ऋषिकुल विद्यापीठ ब्रह्मचर्य आश्रम संस्कृत महाविद्यालय हरिद्वार व डॉ राजेंद्र भट्ट कपिलाश्रमी संस्कृत उत्तर मध्यमा विद्यालय हल्द्वानी नैनीताल को उपाध्यक्ष, डॉ मुकेश खंडूरी श्री शिवनाथ संस्कृत उत्तर मध्यमा विद्यालय देहरादून को संगठन मंत्री, डॉ सतीश चंद्र भट्ट श्रीशक्ति पीठ आश्रम मानीला अल्मोड़ा को सह संगठन मंत्री, मनोज कुमार द्विवेदी श्री नेपाली संस्कृत उत्तर मध्यमा विद्यालय ऋषिकेश को कोषाध्यक्ष मनोनीत किया गया।
जबकि, प्रकाश चंद्र नैनवाल, डॉ श्याम लाल गौड़, डॉ भानूप्रकाश उनियाल, कैलाश गैरोला को संगठन सदस्य मनोनीत किया गया। वहीं, सुरेंद्र दत्त भट्ट, ओम प्रकाश पूर्वाल, जगदीश प्रसाद सकलानी, महेशानंद सुयाल व डॉ महावीर गैरोला को संरक्षक बनाया गया।
प्रदेश अध्यक्ष सुंद्रियाल ने कहा कि उत्तराखंड की द्वितीय राजभाषा संस्कृत है, लेकिन प्रदेश में संस्कृत विद्यालयों का अपेक्षित विकास नहीं हो पाया है। कहा कि प्रदेश के संस्कृत छात्रों, विद्यालयों, शिक्षकों की मूलभूत समस्याओं के निराकरण के लिए संगठन कार्य करेगा।