मुख्यमंत्री ने मां के साथ किया मतदान, महाराज ने सेड़ियाखाल में डाला वोट
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देहरादून (सीनियर रिपोर्टर)। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तहत गुरुवार को गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के जनपदों में सुबह आठ बजे से मतदान शुरू हुआ। शाम चार बजे तक 12 जिलों के 49 विकासखंडों में 55 फीसदी वोटिंग दर्ज हुई। सुबह ऊधमसिंह नगर के नगला तराई स्थित गांव में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मां के साथ मताधिकार का प्रयोग किया। वहीं सेड़ियाखाल पौड़ी में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने भी वोट किया।
शाम 04 बजे तक हुई 55 प्रतिशत वोटिंग
उत्तराखंड राज्य निर्वाचन आयोग से मिली सूचना के अनुसार गुरुवार को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तहत अपराह्न 4 बजे तक 55.00 प्रतिशत मतदान हुआ है। सुबह 10 बजे तक यह आंकड़ा 11.72 प्रतिशत, 12 बजे तक 27 प्रतिशत और दोपहर 2 बजे तक 41.87 प्रतिशत था।
मतदान केंद्रों पर लगी कतारें
खबरों के मुताबिक गढ़वाल मंडल के 26 विकासखंडों और कुमाऊं के 23 विकासखंडों में ग्रामीणों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। गांवों में मतदान के महिलाओं के साथ ही बड़ी संख्या में बुजुर्ग भी मतदान केंद्रों तक पहुंचे। कई जगहों पर वोटिंग के लिए कतारें भी दिखाई दी। कई पोलिंग बूथों पर शाम के समय भी मतदाताओं की लाइनें लगी थी।
प्रशासन भी रहा लगातार अलर्ट
मतदान वाले क्षेत्रों में प्रशासन भी लगातार सक्रिय रहा। जिला निर्वाचन अधिकारियों के साथ ही पुलिस अधिकारियों ने भी निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान को सुनिश्चित करने के लिए पोलिंग स्टेशनों का दौरा किया।
सीएम ने मां के साथ किया मतदान
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तहत राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय नगला तराई, जिला ऊधमसिंहनगर में बूथ न0 3 पर मतदान किया। उनके साथ उनकी माता बिशना देवी ने भी वोटिंग की। सीएम ने ग्रामीण मतदाताओं से पंचायत चुनावों में उत्साह से मतदान की अपील की। कहा कि प्रत्येक मतदाता का एक-एक वोट राज्य में पंचायतों को मजबूत करने में निर्णायक भूमिका निभा सकता है।
सेड़ियाखाल में महाराज ने डाला वोट
पंचायतीराज मंत्री सतपाल महाराज ने चौबट्टाखाल विधानसभा के पोखड़ा ब्लॉक के राजकीय प्राथमिक विद्यालय सेड़ियाखाल में अपने मताधिकार का प्रयोग किया। महाराज ने कहा कि जनपद हरिद्वार को छोड़ कर प्रदेश में अब 28 जुलाई को दूसरे चरण का मतदान होगा। कहा कि गांव की सरकार के लिए ईमानदार और कर्मठ जनप्रतिनिधि का चुना जाना बेहद जरूरी है।