खबर काम की
देहरादून (सीनियर रिपोर्टर)। राज्य के जलस्रोतों, नदियों और सहायक जलधाराओं के पुनर्जीवीकरण को लेकर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बैठक ली। इस दौरान उन्होंने जनपदों से एक्शन प्लान नहीं मिलने पर सख्त नाराजगी जाहिर की। साथ ही संबंधित अधिकारियों को एक्शन प्लान के लिए एक सप्ताह की डेडलाइन दी।
बुधवार को सचिवालय में आयोजित बैठक में अधिकारियों को जलस्रोतों, नदियों और सहायक जलधाराओं के पुनर्जीवीकरण के लिए जिलावार योजना के स्थान पर Holistic and Integrated पर कार्य करने को पर कार्य करने के निर्देश दिए।
उन्होंने राज्य में जल संरक्षण के संबंध में जिलाधिकारियों को जल संरक्षण अभियान 2024 के तहत प्रत्येक ब्लॉक में 10 क्रिटिकल सूख रहे स्प्रिंग और जिलें में 20 क्रिटिकल सूख रही जलधाराओं व सहायक नदियों के चिह्निकरण को कहा। मुख्य सचिव ने प्रत्येक जिले में दीर्घ अवधि योजना के तहत एक नदी के पुनर्जीवीकरण की योजना बनाने और मैदानी जिलों में सूख चुके तालाबों के चिह्निकरण व पुनर्जीवीकरण के एक्शन प्लान बनाने को भी कहा।
वहीं, मुख्य सचिव ने जिलों से एक्शन प्लान प्राप्त न होने पर सख्त नाराजगी जाहिर की। उन्होंने इस बारे जिलाधिकारियों को एक सप्ताह की डेडलाइन दी है। विषय की गम्भीरता को देखते हुए उन्होंने जिलाधिकारियों को तत्काल एक पूर्णकालिक जलागम नोडल अधिकारी तैनात करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को तीन दिन में जिलास्तरीय की बैठक और मुख्य विकास अधिकारी को इस अभियान से जोड़ने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने अपर मुख्य सचिव वित्त को निर्देशित किया कि विभिन्न माध्यमों जैसे मनरेगा, नाबार्ड, कैम्पा, पीएमकेएसवाई से जलस्रोतों व नदियों के पुनर्जीवीकरण के लिए फंडिंग यूटिलाइजेशन के संबंध में बैठक करने को पत्र जारी किया जाए।
बैठक में अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव शैलेश बगौली समेत संबंधित विभागों के अधिकारी और वर्चुअल माध्यम से जिलाधिकारी मौजूद रहे।