• एम्स का पांचवां दीक्षांत समारोह, 434 छात्र-छात्राओं मिली उपाधियां
• केंद्रीय मंत्री समेत सीएम धामी समेत सूबे के मंत्री और सांसद भी रहे मौजूद
खबर काम की
ऋषिकेश (रिपोर्टर)। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने मंगलवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के पांचवें दीक्षांत समारोह में मेडिकल के 10 छात्र-छात्राओं को उपाधि और गोल्ड मेडल से नवाजा। इस अवसर पर 434 मेडिकल छात्र-छात्राओं को उपाधियां भी प्रदान की गई। नड्डा ने कहा कि देश के विकास में चिकित्सकों की अहम भूमिका होती है, उन्हें अपना अनुभव समाज व देश की सेवा में लगाना चाहिए। इस अवसर पर बतौर विशिष्ट अतिथि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद रहे।
केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि दीक्षांत समारोह विद्यार्थियों के जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव होता है, जो उनकी उपलब्धियों का उत्सव होता है। कहा कि केंद्र सरकार का प्रमुख उद्देश्य देश के प्रत्येक गरीब नागरिक को सस्ती, सुगम एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है। यह भी कि इस सदी की शुरुआत तक, भारत में केवल एक एम्स था, वहीं आज, देश में 22 एम्स संचालित हो रहे हैं।
स्वास्थ्य क्षेत्र में केंद्र सरकार की उपलब्धियों पर कहा कि आज देशभर में 1.75 लाख आयुष्मान आरोग्य मंदिर संचालित हो रहे हैं, जो स्वास्थ्य और कल्याण से संबंधित विभिन्न सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। पिछले 10 वर्षों में मेडिकल कॉलेजों में 101 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, और अब देश में कुल 780 मेडिकल कॉलेज हैं। एमबीबीएस सीटों में 130 प्रतिशत और पीजी सीटों में 138 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कहा कि इसी तरह पैरामेडिक्स की जरूरतों को पूरा करने के लिए 157 नर्सिंग कॉलेज भी स्थापित किए जा रहे हैं, जो मेडिकल कॉलेजों के साथ सह-स्थित होंगे।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने एम्स ऋषिकेश की सराहना की, कहा कि संस्थान ने हेलीकॉप्टर और ड्रोन सेवाओं का प्रभावी उपयोग करते हुए 309 गंभीर मरीजों को बचाया। वहीं टेलीमेडिसिन (ई-संजीवनी) जैसी डिजिटल सेवाओं का उपयोग करके राज्य के दूरदराज और अल्पसेवित क्षेत्रों में सेवा प्रदान करने में देश के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में से एक बना।
नड्डा ने छात्रों को करुणा, ईमानदारी और समर्पण के साथ अपने काम को बिना किसी स्वार्थ के करने के लिए प्रोत्साहित किया। केंद्रीय मंत्री ने जोर दिया कि सरकार प्रत्येक एमबीबीएस छात्र पर 30-35 लाख रुपए खर्च करती है। उन्होंने नए डॉक्टरों से आग्रह किया कि वे अपने पेशेवर करियर की शुरुआत में अधिक जिम्मेदारियां उठाएं।
राज्य को गुणवत्ता पूर्ण सेवाएं दे रहा एम्सः धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पिछले एक दशक में भारत के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में आयुष्मान भारत जैसे कार्यक्रमों की शुरुआत और नए एम्स तथा मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के साथ उल्लेखनीय प्रगति हुई है। कहा कि एम्स ऋषिकेश पूरे राज्य के लोगों को गुणवत्तापूर्ण और किफायती स्वास्थ्य सेवाएं और सुविधाएं प्रदान कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि यह संस्थान मरीजों को रोबोटिक सर्जरी, न्यूरो सर्जरी और रेडिएशन थेरेपी जैसे उन्नत चिकित्सा उपचार प्रदान कर रहा है। उन्होंने एम्स ऋषिकेश में हेली-एम्बुलेंस सेवाओं के उद्घाटन पर भी प्रकाश डाला। यह भी कि आज उत्तराखंड में 5,000 से अधिक ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त हैं। कहा कि सरकार राज्य के प्रत्येक जिले में एक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने और राज्य में जन औषधि केंद्रों के नेटवर्क का विस्तार करने के लिए काम कर रही है।
कार्यकारी निदेशक ने संस्थान की उपलब्ध्यिं गिनाई
संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह ने एम्स की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। बताया कि संस्थान वर्तमान में 200 आईसीयू बेड के साथ अस्पताल सेवाओं के अंतर्गत 103 स्पेशल क्लीनिक, चार दर्जन से अधिक विभागों की ओपीडी सेवाएं संचालित कर रहा है। बताया कि संस्थान अब तक 1 लाख 38 हजार सर्जरी कर चुका है। स्थापनाकाल से अब तक यहां 9 लाख से अधिक रोगी स्वास्थ्य लाभ ले चुके हैं।
दीक्षांत समारोह में यह रहे मौजूद
दीक्षांत समारोह में प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, सुबोध उनियाल, लोकसभा सांसद अजय भट्ट, अजय टम्टा, त्रिवेंद्र सिंह रावत, विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूड़ी भूषण, पूर्व मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, राज्य महिला आयोग अध्यक्ष कुसुम कंडवाल, डीन एकेडमिक प्रो. जया चतुर्वेदी, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. बी. सत्याश्री, संस्थान अध्यक्ष प्रो. समीरन नन्दी, उपनिदेशक प्रशासन कर्नल राजीव सेन रॉय, डीन एक्जाम प्रो. प्रशांत पाटिल, वित्तीय सलाहकार ले. कर्नल एस. सिद्धार्थ, प्रो. लतिका मोहन आदि मौजूद रहें समारोह का संचालन डॉ. मनु मल्होत्रा और डॉ. जयंती पंत ने किया।
434 छात्रों को प्रदान की गई उपाधियां
दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में एमबीबीएस के 98, बीएससी ऑनर्स नर्सिंग के 95, बीएससी एलाईड हेल्थ सांईस के 54, एमडी, एमएस, एमडीएस के 109, एमएससी नर्सिंग के 17, एमएससी मेडिकल एलाईड के 1, मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ के 12, डीएम, एमसीएच के 40 और पीएचडी के 8 छात्र-छात्राओं को उपाधियां प्रदान की गईं।
इन्हें मिले स्वर्ण पदक
डा. हैदा आयुष अजय कुमार, 2021 बैच एमसीएच
डॉ. रिद्मा बहल, 2022 बैच एमसीएच
डॉ. इप्शिता साहू, 2021 बैच एमसीएच
डॉ. आंकाक्षा विजय व्यास, 2022 बैच एमडीएस
डॉ. कशिश, 2018 बैच एमबीबीएस
डॉ. अदिति, 2018 बैच एमबीबीएस
डॉ. रिशिता, 2028 बैच एमबीबीएस
डॉ. संचित गुप्ता, 2018 एमबीबीएस
वर्षा शर्मा, 2022 बैच एमएससी नर्सिंग
पारूल पाल, 2020 बैच बीएससी नर्सिंग
इन्हें मिले रजत व कांस्य पदक
डॉ. मोमिता – रजत पदक
डॉ. अदिति, 2018 बैच एमबीबीएस- कांस्य पदक