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देहरादून (सीनियर रिपोर्टर)। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तराखंड में सड़कों में जाम के हालातों पर कहा कि बीते 10 वर्षों में सड़कों की कैरिंग कैपेसिटी बढ़ाने की दिशा में ध्यान नहीं दिया गया है। जिसकी कीमत आम नागरिकों को चुकानी पड़ रही है।
सोशल मीडिया पोस्ट में पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि सड़कों पर लग रहा जाम उत्तराखंड की नियति बन गया है। कहा कि पिछले 10 साल में सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने, नए समांतर मार्ग बनाने और सड़कों की कैरिंग कैपेसिटी बढ़ाने पर ध्यान नहीं दिया गया हे। ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए राज्य पुलिस के पास दक्ष टीमों का अभाव है, उसी का परिणाम सर्वत्र सड़कें जाम हैं।
हरदा ने कहा कि हरिद्वार, देहरादून, हल्द्वानी, ऋषिकेश, मसूरी, नैनीताल कहीं भी जाइए, आपको जाम की दुर्घस स्थिति का सामना करना पड़ता है। राज्य के अंदर आने वाले पर्यटकों का या मेहमानों का, उसके अनुसार कोई प्रबंध दिखाई नहीं देता है। आम नागरिक को इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है।
अकेले कैंची धाम नैनीताल के जाम के कारण अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर, रानीखेत, द्वाराहाट, यहां तक कि गैरसैंण तक क्षेत्र के लोगों को पहले के मुकाबले अपनी जिंदगी बसर करने के लिए 5-6 प्रतिशत और खर्च करना पड़ रहा है। जो केवल कैंची धाम के जाम के कारण खाद्य पदार्थों की सप्लाई आती है, उसके किराया बढ़ने के कारण हो रहा है।