आई बैंक एम्स से 500 जिंदगियां हुई रोशन

खबर काम की
ऋषिकेश (रिपोर्टर)। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के आई बैंक ने चार साल आठ महीने में कॉर्निया प्रत्यारोपित कर 500 नेत्रहीनों की जिंदगी को रोशन किया है। नेत्र रोग विभाग और आई बैंक नेत्रहीनता से मुक्ति की मुहिम में लगातार जुटा हुआ है।

26 अगस्त 2019 को एम्स में आई बैंक की स्थापना हुई थी। जिसके बाद से ही नेत्र विभाग और आई बैंक नेत्रदान महादान की मुहिम को जारी रखे हुए है। इस अवधि में आई बैंक को 838 कॉर्निया प्राप्त हुए। जिनमें से ऋषिकेश से 61, हरिद्वार से 22, देहरादून से 03, रुड़की से 01 प्रतिशत कॉर्निया प्राप्त हुए। जबकि देश के अन्य शहरों से 5 फीसदी लोगों ने ऋषिकेश आई बैंक में नेत्रदान किया।

 

कार्यकारी निदेशक प्रो. डॉ. मीनू सिंह ने नेत्रदान में सहयोग व सहभागिता के लिए संबंधित लोगों की सराहना की। कहा कि अन्य लोगों को भी नेत्रदान के लिए संकल्प लेना चाहिए। चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल ने बताया कि अब तक 500 कॉर्निया ट्रांसप्लांट हो चुके हैं। जो कि चिकित्सा प्रौद्योगिकी की प्रगति और नेत्र दाताओं की उदारता का प्रमाण है।

उन्होंने बताया कि इस उपलब्धि में आई बैंक की निदेशक डॉ. नीति गुप्ता का महत्वपूर्ण योगदान है। इनके अलावा हरिहरन, जी. श्रीनिवासन और एलवीपीईआई टीम के प्रयास भी सराहनीय रहे हैं। उन्होंने जहां नेत्रदाताओं का आभार जताया, वहीं नेत्र बैंक प्रबंधक महिपाल चौहान, परामर्शदाता बिंदिया भाटिया, संदीप गुसाईं, आलोक राणा, पवन सिंह आदि के कार्यों को भी सराहा।

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