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देहरादून (सीनियर रिपोर्टर)। अपर मुख्य सचिव, वित्त आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में आज सचिवालय में राजस्व प्राप्ति की स्थिति को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित की गई। अधिकारियों ने प्रजेंटेशन के जरिए खनन, वन, आबकारी, ऊर्जा, परिवहन, वित्त, सिंचाई आदि विभागों के राजस्व प्राप्ति की स्थिति से अवगत कराया।
अपर मुख्य सचिव ने वन निगम, कुमाऊं मंडल विकास निगम और गढ़वाल मंडल विकास निगम को अपनी कार्य प्रणाली में अपेक्षित सुधार लाने की हिदायत देते हुए खनन के संबंध में दायर वादों की प्रभावी पैरवी करने को कहा। साथ ही खनन के लिए नये लॉट्स चयनित करने की संभावनाओं को चिह्नित किया जाए। उन्होंने खनन विभाग के सभी प्रकरणों को पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश देते हुए कहा कि खनन से संबंधित योजनाओं के क्रियान्वयन में ढिलाई बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।
अपर मुख्य सचिव ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वन निगम डिपो में लंबे समय से रखी कीमती प्रकाष्ठ को वैज्ञानिक तरीके से सुरक्षित करने एवं उनके समय से बिक्री व निस्तारण की व्यवस्था की जाए। जड़ी-बूटी के दोहन की समुचित व्यवस्था के संबंध में भी योजना तैयार कर ली जाए।
ऊर्जा विभाग की समीक्षा में अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि यूपीसीएल बिलिंग और कलेक्शन एफिशिएंसी को बढ़ाए। इस संबंध में गुजरात में लागू मॉडल का अध्ययन किया जाय। अधिकारियों ने बताया कि दो साल के भीतर पूरे प्रदेश को प्री-पेड मीटर से आच्छादित कर दिया जाएगा। एसीएस ने ऊर्जा विभाग पर गत वर्षों की राजस्व प्राप्ति अवशेष होने पर नाराजगी प्रकट करते हुए राजस्व प्राप्ति में सक्रिय रूप से कार्य करने के निर्देश दिए।
सिंचाई विभाग को निर्देश दिए कि ग्राउंड वाटर एवं सरफेस वाटर के वाणिज्यिक प्रयोग पर टैक्स लगाने के संबंध में कार्यवाही की जाए। बैठक में परिवहन विभाग द्वारा विभिन्न मदों में की जा रही राजस्व वसूली की भी समीक्षा की गई। अपर मुख्य सचिव ने राज्य के बाहर से आने वाले वाहनों पर टोल टैक्स के साथ ही फास्टैग के माध्यम से कैसे ग्रीन सैस की वसूली की जाए, इसके विभिन्न विकल्पों के संबंध में भी जानकारी दी।
एसजीएसटी की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि कर अपवंचकों और विशेष रूप से बड़े कर अपवंचकों पर अंकुश लगाया जाए, विभागीय अभिसूचना तंत्र व ऑडिट विंग को मजबूत करने के साथ ही आर्टिफीसियल इंटेलीजेंस की भी सहायता ली जाए। उन्होंने कहा कि कर चोरी रोकने के लिए परिवहन विभाग द्वारा सड़कों में स्थापित किए गए एएनपीआर प्रणाली का भी प्रभावी उपयोग किया जाए। इस के लिए परिवहन विभाग के साथ आवश्यक समन्वय स्थापित किया जाए।
उन्होंने आबकारी विभाग की भी समीक्षा की और आबकारी से होने वाली राजस्व वसूली में तेजी लाने के निर्देश अधिकारियों को दिए। इस अवसर पर सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार, वी. षणमुगम, बजट अधिकारी मनमोहन मैनाली आदि मौजूद रहे।