सार्वजनिक छठ पूजा समिति स्वर्गाश्रम-लक्ष्मणझूला द्वारा किया गया भव्य आयोजन
छठ पूजा महोत्सव-2024 में भोजपुरी अभिनेता मनमोहन तिवारी ने बांधा समां
ऋषिकेश/स्वर्गाश्रम-जौंक (रिपोर्टर)। योगनगरी में छठ पूजा पर्व धूमधाम से मनाया गया। डूबते और उगते सूर्य को अघ्र्य देकर श्रद्धालुओं ने अपने पति व संतान की मंगल कामना के साथ घर की सुख समृद्धि की कामना की। वहीं भोजपुरी अभिनेता मनमोहन तिवारी ने सुंदर गीतों की प्रस्तुति देकर कार्यक्रम में समां बांधा।
छठ पूजा पर्व दीपावली से छह दिन बाद शुरू होता है। मान्यता है कि सूर्य पुत्र अंगराज कर्ण प्रतिदिन सुबह जल में खड़े होकर सूर्य की उपासना करते थे और उपासना के बाद उनके पास आकर कोई भी याचक चाहे जो मांग ले, वह खाली हाथ नहीं लौटता था। इसी मान्यता के साथ कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को भगवान सूर्य की उपासना करने के लिए छठी उत्सव मनाया जाता है। श्रद्धालुओं ने सार्वजनिक छठ पूजा समिति स्वर्गाश्रम-लक्ष्मण झूला द्वारा आयोजित छठ पूजा महोत्सव -2024 श्री लक्ष्मीनारायण घाट पर गंगा में होकर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। श्रद्धालुओं ने फल, फूल, गन्ना, गुड़ व घी से बने ठेकुआ और चावल के आटे व गुड़ से बने भूसवा जैसे व्यंजनों के साथ पूजा-अर्चना की। इस मौके पर समिति के अध्यक्ष भरत लाल, सचिव शिव चन्द्र राय, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिल तिवारी, उपाध्यक्ष संजय मिश्रा, सह-सचिव दीपक कुमार प्रजापित व दीनानाथ कुशवाह, कोषाध्यक्ष आनंद प्रजापित, प्रचार मंत्री बृजेश चतुर्वेदी, प्रथम अध्यक्ष नगर पंचायत स्वर्गाश्रम-जौंक शकुंतला राजपूत, सांसद प्रतिनिधि गोपाल अग्रवाल, नोएडा से आए राम सागर राय, त्रिभुवन उपाध्याय, पार्वती नेगी, अनिता मंडल, कैलाश सिंह, मनोज पासवान, छोटे लाल महतो, तिलेश्वर यादव, संदीप कुमार, सुनील तिवारी, विवेक तिवारी, गौतम मंडल, गंगा मंडल, अरूण मंडल, बैजू कुमार, भोला पासवान सहित अन्य मौजूद थे।
श्रद्धा और उल्लास के साथ छठ महापर्व सम्पन्न, उगते सूर्य को अघ्र्य देकर सुख-समृद्धि की कामना
खबर काम की
उग हे सूरज देव, भइल भिनसरवा….अरघ के रे गेरवा, पूजन के रे बेरवा हो’.…उत्तराखंड में छठ घाटों पर शुक्रवार भोर से ही हर किसी की जुबां पर यही गीत सुनाई दिया। छठ व्रतियों ने उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया। पहाड़ से मैदान तक श्रद्धालुओं ने उगते सूर्य को अर्घ्य देकर सुख-समृद्धि की कामना की।
उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन हो गया। महिलाओं ने छठी मईया की पूजा कर सूर्य देवता की आरती की। चारों ओर छठी मईया और सूर्य देवता के जयकारों की गूंज रही।
छठ पूजा के लिए सुबह देवभूमि के घाट दीपों की रोशनी से जगमगा उठे। छठ व्रतियों ने रात चार बजे से हरिद्वार, देहरादून, ऋषिकेश समेत विभिन्न घाटों पर पहुंचना शुरू कर दिया।
व्रतियों ने सूर्य के उगने का इंतजार किया। इसके बाद सुबह सूर्य उदय होते ही अर्घ्य दिया। इस दौरान घाट पर शंख, घंटी बजाकर आरती की गई और एक दूसरे को ठेकुआ का प्रसाद वितरित किया।
इसके साथ ही उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रतियों ने घर पहुंचकर कुलदेवता की पूजा की। इसके बाद प्रसाद खाकर 36 घंटे का निर्जला उपवास पूरा किया।
देहरादून में छठ महापर्व को लेकर सुरक्षा से लेकर हर पहलू पर खास इंतजाम किए गए हैं। छठ पूजा के लिए सभी घाटों पर सैकड़ों कार्यकर्ता तैनात हैं। वहीं, ऋषिकेश, मुनिकीरेती शीशमझाड़ी में छठ महापर्व पर त्रिवेणी घाट बिहार-पूर्वांचल के लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। समिति के अध्यक्ष रामकृपाल गौतम, उपाध्यक्ष राजपाल ठाकुर सहित अन्य मौजूद रहे।