शीतकाल के लिए बदरीनाथ धाम में अगले छह माह नहीं गूंजेंगी वेद ऋचाएं

• पंच पूजा प्रक्रिया के तीसरे दिन वेद और खड़ग पुस्तक की गई बंद

 

 

खबर काम की
बदरीनाथ (रिपोर्टर)। बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तीसरे दिन वेद ऋचाओं का वाचन शीतकाल के लिए बंद हो गया। इसके साथ ही वेद और खड़ग पुस्तक को बंद कर दिया गया है। धाम के कपाट 17 नवंबर को रात्रि 9 बजकर 07 मिनट पर बंद किए जाएंगे।

पंचपूजा के तीसरे दिन शुक्रवार सुबह रावल अमरनाथ नंबूदरी और बीकेटीसी के सीईओ विजय प्रसाद थपलियाल की उपस्थिति में धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रविंद्र भट्ट व अमित बंदोलिया ने वेद उपनिषद पुस्तकों को मंदिर गर्भ गृह में पूजा-अर्चना के लिए रावल को सौंपा।

देर शाम धार्मिक पुस्तकें धर्माधिकारी व वेदपाठियों को मिलने पर उन्होंने पुस्तकों को विधिवत बंद किया। साथ ही शाम से वेद ऋचाओं का वाचन भी बंद हो गया है।

मीडिया प्रभारी डॉ हरीश गौड़ ने बताया कि पंचपूजा के चौथे दिन लक्ष्मी मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ ही कढ़ाई प्रसाद चढ़ाया जाएगा। मां लक्ष्मी को बदरीनाथ मंदिर के गर्भगृह में विराजमान होने की प्रार्थना की जाएगी।

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