• टिहरी पुलिस को मिली कामयाबी, अन्य आरोपियों की तलाश जारी
खबर काम की
ऋषिकेश (सीनियर रिपोर्टर)। तपोवन स्थित डैक्कन् वैली सोसाइटी में कैफे के संचालक नितिन देव की हत्या के मामले में पुलिस को कामयाबी मिली है। पुलिस ने मुख्य साजिशकर्ता बिहार मूल के बिमलेश उर्फ विकास को गिरफ्तार किया है। आरोपी पहले भी आपराधिक मामलो में शामिल बताया जा रहा है। पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश में भी जुटी हुई है।
शनिवार को एसएसपी टिहरी आयुष अग्रवाल ने कैफे संचालक हत्याकांड का खुलासा किया। बताया कि 7 मई 2025 की रात लगभग 11 बजे थाना मुनिकीरेती को सूचना मिली कि डैक्कन वैली सोसाइटी के ब्लॉक-4 में एक युवक को गोली मार दी गई है। मौके पर पहुंची पुलिस को फ्लैट नंबर 403 में खून से लथपथ नितिन देव पुत्र देवराज मृत अवस्था में मिला। नितिन पिछले 10-12 वर्षों से तपोवन में रह रहा था। वह हाईड आउट कैफे और जीवन उत्सव रिजॉर्ट का संचालक था।
एसएसपी ने बताया कि शूटर्स ने नितिन देव पर 4 गोलियां चलाई और मौके से किराए की स्कूटी से फरार हो गए। पुलिस को मिले सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन और पैसों के लेनदेन के आधार पर 16 मई को मुख्य आरोपी बिमलेश उर्फ विकास (निवासी शाहपुर, भोजपुर बिहार) को गिरफ्तार किया।
पूछताछ में आरोपी ने हत्याकांड की साजिश का खुलासा किया। बताया कि घटना में शामिल अन्य आरोपियों और शूटर्स की तलाश में पुलिस टीमें दिल्ली, नोएडा, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बिजनौर और बिहार में लगातार छापेमारी कर रही हैं। दावा किया कि जल्द बाकी आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होगे।
पुरानी रंजिश के चलते हुई हत्या
एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि मृतक नितिन देव और विपिन नैय्यर पुत्र सुरेन्द्र कुमार नैय्यर के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था। विपिन द्वारा लगातार नितिन के कैफे और रिजॉर्ट की शिकायतें विभिन्न विभागों में की जाती रही थी, जिसके चलते उसका कैफे सील भी हुआ था। इसके अलावा वर्ष 2024 में विपिन नैय्यर पर बलात्कार व पोक्सो के संगीन आरोप लगे थे. जिसमे नितिन देव ने प्रभावी पैरवी की थी। यही नहीं विपिन की गिरफ्तारी पर नितिन ने सोसाइटी में मिठाई तक बांटी थी, जिससे विपिन खुद को अपमानित महसूस करता था।
जेल में तैयार हुई हत्या की साजिश
जनवरी 2025 में जमानत मिलने के बाद विपिन नैय्यर ने अचानक 24 अप्रैल को अपनी जमानत तुड़वाकर दोबारा देहरादून जेल जाना चुना। पुलिस को संदेह है कि इस कदम के पीछे हत्या की साजिश को अंजाम देने का मकसद था। जांच में सामने आया कि जेल में रहते हुए विपिन की मुलाकात कुख्यात अपराधी रामवीर सिंह (निवासी मीरापुर, मुजफ्फरनगर) से हुई, जिससे उसकी गहरी दोस्ती हो गई। बाहर आने के बाद विपिन ने रामवीर के साथी विमलेश उर्फ विकास से संपर्क किया। विमलेश ने दो शूटर्स को फर्जी पहचान पत्र पर डेक्कन वैली में फ्लैट नंबर 101 ब्लॉक 4 में ठहराया, जहां से उन्होंने नितिन की रेकी शुरू की।
ये थी जांच करने वाली पुलिस टीम
पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक प्रदीप चौहान, वरिष्ठ उप निरीक्षक योगेश चंद्र पांडे, उप निरीक्षक प्रदीप रावत, आशीष मार्मा, किशन देवरानी, मनोज ममगाई, धनंजय सिंह, प्रवीण रावत, अरविन्द रतूड़ी, हे. का. सुरेश रमोला, प्रवीण नेगी. सुरेन्द्र पाल, का. कपिल देव, आशा रावत, अक्षी सैनी, राशि, सीआईयू टीम निरीक्षक एश्वर्य पाल, उपनिरीक्षक ओमकांत भूषण, दिलबर सिंह नेगी, राजेन्द्र रावत, आशीष रावत, अ.उ.नि. सुन्दर लाल, हे. का. विकास सैनी, का आशीष नेगी, नजाकत, रविन्द्र शामिल थे।