निगम हरिद्वार भूमि घोटालाः 02 IAS, 01 PCS समेत 10 सस्पेंड

• सीएम के निर्देश पर हुई कार्रवाई, पूर्व में 02 अधिकारियों की सेवा समाप्त

 

खबर काम की
देहरादून (सीनियर रिपोर्टर)। नगर निगम हरिद्वार के जमीन घोटाला मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्त रूख अपनाया है। मामले में दो आईएएस और एक पीसीएस अधिकारी समेत सात अधिकारियों को निलंबित करने के निर्देश दिए गए हैं। जबकि तीन अधिकारी पहले निलंबित और दो की सेवा समाप्त की जा चुकी है। प्रकरण में अब तक 10 अधिकारी निलंबित किए जा चुके हैं।

बताया गया है कि हरिद्वार नगर निगम द्वारा ग्राम सराय में कूड़े के ढेर के पास स्थित अनुपयुक्त 2.3070 हेक्टेयर भूमि को करोड़ों रुपये में खरीदने पर सवाल उठने के बाद, मुख्यमंत्री ने इसकी जांच के आदेश दिए थे। सचिव रणवीर सिंह चौहान ने प्रारंभिक जांच कर 29 मई को रिपोर्ट शासन को सौंपी थी।

इसी जांच रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री ने कार्मिक विभाग को दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे। जिस पर कार्मिक एवं सतर्कता विभाग ने आज सभी सात आरोपित अधिकारियों को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए।

कार्मिक विभाग ने हरिद्वार नगर निगम के तत्कालीन प्रशासक और मौजूदा डीएम कर्मेंद्र सिंह, तत्कालीन नगर आयुक्त वरुण चौधरी, हरिद्वार के तत्कालीन एसडीएम अजयवीर सिंह, वरिष्ठ वित्त अधिकारी निकिता बिष्ट, वरिष्ठ वैयक्तिक सहायक विक्की, रजिस्ट्रार कानूनगो राजेश कुमार, हरिद्वार तहसील के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी कमलदास को निलंबित कर दिया है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हमारी सरकार ने पहले दिन से ही स्पष्ट किया है कि लोकसेवा में ’पद’ नहीं बल्कि ‘कर्तव्य’ और ‘जवाबदेही’ महत्वपूर्ण हैं। चाहे व्यक्ति कितना भी वरिष्ठ हो, अगर वह जनहित और नियमों की अवहेलना करेगा, तो कार्रवाई निश्चित है। हम उत्तराखंड में भ्रष्टाचार मुक्त नई कार्य संस्कृति विकसित करना चाहते हैं। सभी लोक सेवकों को इसके मानकों पर खरा उतरना होगा।

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