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देहरादून (सीनियर रिपोर्टर)। हरियाणा में अपने चुनावी दौरे को बीच में छोड़ कर वापस लौटे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा को लेकर जहां सचिवालय में आला अधिकारियों के साथ बैठक की, वहीं आज सुबह बड़कोट में ग्राउंड जीरो पर उतर कर यात्रा का जायजा लिया।
चारधाम यात्रा में इनदिनों श्रद्धालुओं की खासी भीड़ उमड़ रही है। इन चुनौतियों से पार पाने के लिए शासन-प्रशासन भी मुस्तैदी से अग्रिम मोर्चे पर जुटी हुई है। मुख्यमंत्री धामी एक रोज पहले हरियाणा में चुनावी दौरे पर थे। जिसे बीच में छोड़ वह देहरादून लौट और सचिवालय में आला अधिकारियों के साथ बैठक की। शुक्रवार सुबह उन्होंने फिर से अधिकारियों के साथ बैठक की और सीधा ग्राउंड जीरो पर जायजा लेने के लिए बड़कोट रवाना हो गए।
बता दें कि बीते वर्ष यमुनोत्री के कपाट खुलने पर 6,838 श्रद्धालु आए थे, जबकि इस वर्ष 12,193 यात्री आए। इसी तरह केदारनाथ में 18,335 के बरक्स इस साल 29 हजार श्रद्धालु मौजूद रहे। अनुमान से अधिक श्रद्धालुओं के आने से यात्रा के शुरुवाती दिनों में कुछ परेशानियां हुई। मुख्यमंत्री के निर्देशों पर उनके सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम से लेकर अन्य अधिकारियों को पहले ही उत्तराकाशी और रुद्रप्रयाग जिलों में तैनात किया गया है।
गुरुवार को हालात के मद्देनजर सीएम धामी ने देहरादून में उच्च स्तरीय बैठक ली। स्पष्ट कहा कि बगैर पंजीकरण के आ रहे यात्रियों को लौटाया जाए। परिवहन विभाग जगह-जगह चेकिंग करे। धामों की क्षमता के लिहाज से ही यात्रियों को भेजा जाए। जहां होल्ड करने की आवश्यकता पड़ रही है वहां मूलभूत सुविधाएं भोजन, पानी, पार्किंग इत्यादि प्रदान की जाए।
इस बैठक के बाद अगले 24 घंटे में यात्रा कुछ हद तक सुचारू होती दिख रही है। धामों के 50 मीटर के दायरे में रील और वीउरू बनाने पर रोक लगाई गई है। सीएम ने आज भी सचिवालय में चारधाम यात्रा की समीक्षा की। इसके बाद वह ग्राउंड जीरो का हाल देखने बड़कोट पहुंचे।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इस बार अप्रत्याशित भीड़ जरूर धामों में उमड़ रही है, लेकिन टीम एफर्ट के जरिये यात्रा को व्यवस्थित कर लिया गया है। कहा कि उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था के लिहाज से भी यात्रा बेहद महत्वपूर्ण है और इसमें स्थानीय निवासियों, प्रशासन के सहयोग से व्यवस्थाओं को सुचारू किया जा रहा है।