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देहरादून (सीनियर रिपोर्टर)। जिलाधिकारी सविन बसंल की अध्यक्षता में ऋषिपर्णा सभागार में मलिन बस्तियों को लेकर बैठक आयोजित की गई। डीएम बिंदाल और रिस्पना किनारे रिवर फ्रंट पर बसी बस्तियों के विस्थापन के लिए नगर निगम और एमडीडीए के अधिकारियों को प्रभावी प्लान बनाने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने नगर निगम आयुक्त को वर्ष 2016 से पहले और बाद में बसी बस्तियों का चिन्हिकरण कर संबंधित सूची की रिपोर्ट 05 दिन में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार राजधानी को मलिन बस्तीमुक्त कराते हुए, बस्तियों के पुनर्वास पर कार्य किया जाना है। इसके लिए नगर निगम व एमडीडीए को जमीन चिह्नित करनी है।
डीएम ने कहा कि झुग्गी-झोपड़ी मुक्त, स्वच्छ जल; किफायती आवासख् बुनियादी नागरिक समुदाय किसी भी महानगर का प्रमुख सूचकांक होता हैं। उन्होंने कहा सरकार द्वारा बस्तियों के नागरिकों के गुणवत्तापूर्वक जीवन के लिए संकल्पबद्ध है। राजधानी को स्लम मुक्त करने के लिए प्रशासन प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने अधिकारियों को धरातल पर कार्यवाही शुरू करने सख्त निर्देश दिए है। कहा कि स्लम एरिया के नागरिकों को भी गुणवत्तायुक्त जीवन जीने का मौलिक अधिकार है। कहा कि जल्द ही इस मामले में उच्च स्तरीय समीक्षा की जाएगी। बताया कि कहा कि रिस्पना नदी पर 11 किमी व बिंदाल नदी पर 15 किमी के चार लेन एलिवेटेड कॉरिडोर निर्माण का कार्य प्रस्तावित है।
बैठक में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व केके मिश्रा, अपर नगर आयुक्त हेमंत कुमार वर्मा, नगर मजिस्ट्रेट प्रत्युष सिंह, उप नगर आयुक्त गोपाल राम बिनवाल, अधीक्षण अभियंता सिंचाई शरद श्रीवस्तव, पुरूषोतम, डीजीसी नितिन विशिष्ट, एमडीडीए से अतुल गुप्ता, नीतिन गुप्ता, ईडीएम हरेन्दर शर्मा आदि मौजूद रहे।