IMA की 156वीं पासिंग आउट परेड का भव्य आयोजन, कैडेट्स में दिखा जोश

 

खबर काम की
देहरादून (सीनियर रिपोर्टर)। भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) में शनिवार को 156वीं पासिंग आउट परेड का भव्य आयोजन हुआ। इस अवसर पर श्रीलंका के सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल लासांथा रोड्रिगो, आरएसपी, सीटीएफ-एनडीयू, पीएससी, आईजी ने परेड की समीक्षा की। उन्होंने आईएमए से पास आउट ऑफिसर कैडेट्स को बधाई दी। साथ ही उत्कृष्ट परेड, अनुशासित परिधान और अद्वितीय समन्वय के लिए प्रशिक्षकों और कैडेट्स की सराहना की।

यह दौरा भारत और श्रीलंका की सेनाओं के बीच पारंपरिक, सुदृढ़ और ऐतिहासिक सैन्य संबंधों का परिचायक है। जो कि आपसी सहयोग को और सशक्त बनाएगा। इस अवसर पर 156वें नियमित पाठ्यक्रम, 45वें तकनीकी प्रवेश योजना और 139वें तकनीकी स्नातक पाठ्यक्रम के कुल 451 ऑफिसर कैडेट्स, विशेष कमीशन अधिकारियों सहित नौ मित्र राष्ट्रों के 32 विदेशी कैडेट्स ने प्रशिक्षण पूर्ण कर अकादमी से विदाई ली।

परेड के दौरान ऑफिसर कैडेट्स ने ’सारे जहां से अच्छा’ और ’कदम-कदम बढ़ाए जा’ जैसे प्रेरक सैन्य धुनों पर अनुशासित और जोशीले कदमों से मार्च करते हुए अपनी प्रतिबद्धता, गर्व और आत्मविश्वास का परिचय दिया। इस ऐतिहासिक क्षण के उनके परिजन, गणमान्य अतिथि और देश-विदेश के दर्शक मीडिया के माध्यम से साक्षी बने।

लेफ्टिनेंट जनरल लासांथा रोड्रिगो ने कहा कि आईएमए के पूर्व छात्र होने के नाते इस ऐतिहासिक परेड की समीक्षा करना उनके लिए गर्व और सम्मान की बात है। याद किया कि किस प्रकार एक साधारण बाल कटवाने के साथ उनकी सैन्य यात्रा की शुरुआत इसी अकादमी से हुई थी। कहा कि वर्दी केवल एक पद का प्रतीक नहीं, बल्कि एक संपूर्ण जीवनशैली है। एक सच्चा अधिकारी अपने चरित्र, आचरण और निर्णयों से अपने अधीनस्थों का विश्वास अर्जित करता है। यह सम्मान केवल रैंक से नहीं मिलता, यह हर दिन के कर्म से कमाया जाता है।

जनरल रोड्रिगो ने आईएमए के आदर्श वाक्य का उल्लेख करते हुए तीन मूलभूत जिम्मेदारियों पर बल दिया राष्ट्र के प्रति, अपने सैनिकों के प्रति और वीर जवानों के परिवारों के प्रति। उन्होंने सैनिक के चार आधारभूत मूल्यों अनुशासन, ईमानदारी, निष्ठा और सम्मान को सफलता की कुंजी बताया। उनके अनुसार अनुशासन आत्म-संयम है, ईमानदारी वह है जो तब भी बनी रहती है जब कोई देख न रहा हो, निष्ठा पद की सीमा से परे होती है और सम्मान वह पवित्र विश्वास है जो वर्दी के साथ जुड़ा होता है।

उन्होंने कैडेट्स को याद दिलाया कि वे अब देशभक्तों की एक गौरवशाली शृंखला का हिस्सा बन चुके हैं। उन्हें यह वर्दी गर्व के साथ, उद्देश्य की भावना से धारण करनी चाहिए। उन्होंने पुरस्कार विजेताओं को विशेष रूप से बधाई दी और अन्य कैडेट्स को भी लगातार प्रयासरत रहने के लिए प्रोत्साहित किया। विदेशी कैडेट्स को उन्होंने आईएमए के मूल्यों का वैश्विक दूत बताया।

श्रीलंका के सेना प्रमुख ने कहा कि आईएमए न केवल सैनिकों को प्रशिक्षण देती है, बल्कि राष्ट्र के भावी रक्षकों का निर्माण करती है। उन्होंने कैडेट्स से विवेकपूर्ण नेतृत्व करने, सत्य और न्याय के लिए संघर्ष करने तथा राष्ट्र की आशाओं को गर्वपूर्वक आगे बढ़ाने का आह्वान किया। उन्होंने कैडेट्स को आईएमए की महान विरासत में अपना नया अध्याय जोड़ने की प्रेरणा दी उन्होंने फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ के प्रेरणास्पद शब्दों “सच्चे बनो, ईमानदार बनो, निर्भीक बनो” के साथ अपनी बात पूरी की।

समीक्षा अधिकारी द्वारा स्वॉर्ड ऑफ ऑनर- एकेडमी कैडेट एडजुटेंट अन्नी नेहरा, गोल्ड मेडल (मेरिट सूची में प्रथम स्थान), एकेडमी अंडर ऑफिसर रोनित रंजन नायक, सिल्वर मेडल (मेरिट सूची में द्वितीय स्थान), एकेडमी कैडेट एडजुटेंट अन्नी नेहरा, ब्रॉन्ज मेडल (मेरिट सूची में तृतीय स्थान), बटालियन अंडर ऑफिसर अनुराग वर्मा को प्रदान किया गया।

तकनीकी स्नातक कोर्स में प्रथम स्थान सार्जेंट आकाश भदौरिया (सिल्वर मेडल), टीईएस-45 में प्रथम स्थान विंग कैडेट क्वार्टर मास्टर कपिल (सिल्वर मेडल), विदेशी कैडेट में प्रथम स्थान विदेशी ऑफिसर कैडेट निशान बलामी (नेपाल), चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर केरन कंपनी (स्प्रिंग टर्म 2025 में 12 कंपनियों में सर्वोच्च प्रदर्शन के लिए) ने प्राप्त किया। उन्हें अवॉर्ड प्रदान किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *