विचार गोष्ठी में आंदोलनकारियों ने उठाए मूल निवास और भूकानून जैसे मसले
खबर काम की
नरेंद्ररनगर (सीनियर रिपोर्टर)। उत्तराखंड राज्य स्थापना की 24वीं वर्षगांठ पर राज्य आंदोलनकारियों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर गोष्ठी में राज्य आंदोलननकारियों ने भू-कानून, मूल निवास 1950, सांस्कृतिक पहचान, रोजगार, जिलों का पुनर्गठन, चकबंदी जैसे मुद्दों को लेकर फिर से एकजुट होने की जरूरत बताई।
शनिवार को तहसील सभागार में उपजिलाधिकारी देवेंद्र सिंह नेगी की अध्यक्षता में सादगी के साथ राज्य आंदोलनकारियों के लिए सम्मान समारोह आयोजित किया गया। सबसे पहले मरचूला बस हादसे के मृतकों को मौन श्रद्धांजलि देकर उनके प्रति अपनी संवेदना प्रकट की। इसके बाद विचार गोष्ठी में राज्य आंदोलनकारियों ने राज्य आंदोलन की यादों को ताजा किया।
वहीं उन्होंने अपने विचारों के माध्यम से प्रदेश के मौजूदा हालातों पर राय रखी। यह चिंता भी जताई की राज्य निर्माण के साथ उत्तराखंड को सक्षम नेतृत्व नहीं मिला, जिसके कारण राज्य अपेक्षित विकास नहीं कर सका है। उन्होंने मूल निवास 1950, सशक्त भू-कानून, जल, जंगल, जमीन, रोजगार के मसलों को उठाते हुए राज्य के संसाधनों पर पहला हक मूल निवासियों का बताया।
राज्य आंदोलनकारियों ने इसके अलावा चंकबंदी, सांस्कृतिक पहचान, जिलों के पुनर्गठन, आंदोलनकारियों का चिह्निकरण के मसले भी गोष्ठी में उठाए। साथ ही राज्य को बचाने के लिए फिर से एकजुट होकर आगे आने की अपील की। इसके बाद तहसीलदार अयोध्या प्रसाद उनियाल ने चकबंदी के सवाल पर सरकार की योजनाओं और मौजूदा स्थितियों से अवगत कराया।
गोष्ठी के समापन पर एसडीएम देवेंद्रसिंह नेगी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के निर्माण में आंदोलनकारियों की अहम भूमिका रही, उनके इस योगदान को किसी भी तरह से भुलाया नहीं जा सकता है। इसके बाद आंदोलनकारियों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। वहीं सभी ने शहीद स्मारक पहुंच कर शहीद सेनानियों को पुष्पांजलि अर्पित की।
इस मौके पर नगरपालिका नरेंद्रनगर के नवनियुक्त अधिशासी अधिकारी एलम सिंह रावत, मुनिकीरेती नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष मनोज द्विवेदी, ढालवाला की पूर्व प्रधान सरस्वती जोशी, कम्युनिस्ट नेता जगदीश कुलियाल, जगदीश शर्मा, विनोद ध्यानी, सरोजनी कोठारी, मदन सिंह रावत, सतीश गुप्ता, धनेश कोठारी, राजेंद्र गुसाईं, वाचस्पति रयाल, प्रतिमा रावत, सियाराम कुड़ियाल, पुरूषोत्तम भट्ट, महेश गुसाईं आदि मौजूद रहे।